इसरो द्वारा माइक्रोप्रॉसेसर – नियंत्रित स्मार्ट अंग (पैर) का विकास होम
23 सितंबर, 2022
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उप-उत्पाद के रूप में, इसरो ने एक स्मार्ट कृत्रिम अंग (पैर) का निर्माण किया, जिसका शीघ्र ही वाणिज्यीकरण हो सकता है और यह क्रत्रिम अंगों के वर्तमान मूल्य के दसवें हिस्से तक सस्ता हो सकता है तथा यह उन लोगों के लिए सुगमता से चल पाने में लाभप्रद होगा, जिनके पैर घुटने से ऊपर कटे हैं। ये माइक्रोप्रॉसेसर-नियंत्रित घुटने (एम.पी.के.एस.) विछिन्न पैर वाले लोगों को माइक्रोप्रॉसेसर का उपयोग नहीं करने वाले निष्क्रिय पैरों (कृत्रिम) की अपेक्षा अधिक ताकत देते हैं। अब तक 1.6 कि.ग्रा. के एम.पी.के. ने एक विछिन्न पैर वाले व्यक्ति को न्यूनतम सहारे के साथ गलियारे में लगभग 100 मीटर तक चलने में सहायता किया है। निष्पादन को बेहतर बनाने के प्रयास चल रहे हैं।
राष्ट्रीय लोकोमोटर दिव्यांगता संस्थान (एन.आई.एल.डी.), पं. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय दिव्यांगजन संस्थान (पी.डी.यू.एन.आई.पी.पी.डी.) और भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण कार्पोरेशन (ए.एल.आई.एम.सी.ओ.) के साथ हुए समझौता ज्ञापन के अंतर्गत, इन स्मार्ट एम.पी.के.एस. को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वी.एस.एस.सी.), इसरो द्वारा विकसित किया जा रहा है।
संरूपण और कार्य
एम.पी.के. में एक माइक्रोप्रॉसेसर, हाइड्रॉलिक डैम्पर, लोड और घुटना कोण संवेदक, संयुक्त घुटना-आवरण, लीथियम आयन बैटरी, इलेक्ट्रिकल हार्नेस और अंतरफलक तत्व शामिल होते हैं। माइक्रोप्रॉसेसर संवेदक आँकड़े के आधार पर चलने के तरीके का संसूचन करता है। नियंत्रण सॉफ्टवेयर डी.सी. मोटर द्वारा प्रचालित एक हाइड्रॉलिक डैम्पर से प्रणाली की जकड़न को बदलकर चलने के वांछित तरीके को प्राप्त करने के लिए आवश्यक वास्तविक काल डैम्पिंग का आंकलन करता है। किसी व्यक्ति की सुविधा को और अधिक बढ़ाने के लिए पैर विछिन्न व्यक्तियों के लिए चलने के विशेषीकृत पैरामीटरों को पी.सी. आधारित सॉफ्टवेयर का उपयोग करके सेट किया जा सकता है। चलने के दौरान अंतरफलक वास्तविक काल में पैरामीटरों का आलेखचित्र बनाता है।
प्रणाली का विकास
एम.पी.के. का विकास एक बहु-विषयक और बहु-चरणीय गतिविधि थी। लेखों पर आधारित संरूपण को तय करने के बाद, उप-प्रणाली आवश्यकताओं का आंकलन करने के लिए शुद्धगतिकी विश्लेषण के माध्यम से वैधता की जांच करते हुए, प्रणाली के अनेक मॉडल विकसित किए गए थे। अभियांत्रिकी मॉडल का उपयोग करके डिजाइन की उपयुक्तता सत्यापित की गई। इस प्रणाली में एल्यूमिनियम का एक घुटना आवरण एक सोलनॉइड वाल्व आधारित डैम्पर और एक छः अक्षीय लोड सेल शामिल है। जबकि अगले अभियांत्रिकी मॉडल में एक स्टेपर मोटर आधारित डैम्पर और संयुक्त घुटना आवरण शामिल था, बाद के मॉडल में स्पूल स्थिति संवेदक के साथ डी.सी. मोटर आधारित डैम्पर, पाइलॉन एकीकृत लोड सेल, अतिलघु नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक्स और पैरामीटर मिलान के लिए एक ग्राफिकल प्रयोक्ता अंतरफलक का उपयोग किया गया है।
वी.एस.एस.सी. में परीक्षण और चलने संबंधित जांच:
ग्राहकनुकूलित सेटअप का उपयोग करके हाइड्रॉलिक डैम्पर, नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक्स और लोड सेल जैसे पैर (अंग) की उप-प्रणालियों की जांच की गई तथा उनकी स्वचलित माध्यम में खूबियों और कमियों की सूची तैयार की गई। अविछिन्न पैर वाले व्यक्तियों को चलाकर किए जाने वाले परीक्षण के संचालन के लिए एक उत्तम-विधि की कल्पना की गई जिसमें इस उद्देश्य हेतु साकार किया गया एक कस्टम-डिजाइन किया हुआ एक्सो-सॉकेट शामिल था। अविछिन्न अंग वाले व्यक्तियों को चलाकर किए गए अनेक परीक्षणों से नियंत्रण सॉफ्टवेयर को अद्यतित करने और पैरामीटरों के मिलान में सहायता प्राप्त हुई।
एन.आइ.एल.डी. में विछिन्न पैर वालों को चलाकर किया गया परीक्षण:
संयुक्त परियोजना मॉनीटरण समिति (जे.पी.एम.सी.) से अनुमति मिलने के साथ ही चलाकर किए जाने वाले परीक्षणों के लिए एन.आई.एल.डी. द्वारा चिह्नित एक विछिन्न पैर वाले व्यक्ति के साथ युक्ति का परीक्षण किया गया। इन परीक्षणों को एन.आइ.एल.डी. और वी.एस.एस.सी. द्वारा संयुक्त रूप से एन.आइ.एल.डी. प्रयोगशाला में संचालित किया गया। विछिन्न पैर वाले व्यक्ति पर एम.पी.के. के सॉकेट और फिटमेंट का परीक्षण एन.आई.एल.डी. द्वारा किया गया। वी.एस.एस.सी. ने विछिन्न पैर वाले व्यक्ति के लिए विशेषीकृत पैरामीटरों का मिलान किया। प्रारंभ में चलाकर किए गए परीक्षणों को समानांतर लोहे की पाइपों की सहायता से संचालित किया गया। बाद में विछिन्न पैर वाला व्यक्ति न्यूनतम सहायता से लगभग 100 मीटर तक चल सका। घुटने की सभी उप-प्रणालियों का निष्पादन संतोषप्रद था।
भावी योजनाएं:
भारत में वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध वर्तमान एम.पी.के.एस. का आयात किया जाता है और जटिलता और प्रकार्यात्मकता के आधार पर इनकी कीमत 10 लाख रुपए से 60 लाख रुपए तक होती है। वाणिज्यीकरण होने के बाद तैयार किए जा रहे एम.पी.के.एस. की लागत 4 लाख से 5 लाख रुपए तक हो सकती है। द्रव्यमान और आवरण आकार के संबंध में एम.पी.के. का इष्टतमीकरण चल रहा है। विछिन्न पैर वाले व्यक्ति को ऊबड़-खाबड़ जमीन पर चलने में सहायता पहुँचाने हेतु अधिक सुविधा के लिए उन्नत गुणधर्मों के साथ इस प्रणाली में अतिरिक्त विशेषज्ञता को शामिल किया जा रहा है।