28 मार्च, 2025
27 मार्च, 2025 को इसरो ने उपग्रहों के विद्युत नोदन प्रणाली में शामिल करने के लिए विकसित 300mN स्थिर प्लाज्मा प्रणोदक का 1000 घंटे का जीवन परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। इसरो के भविष्य के उपग्रहों में रासायनिक नोदन प्रणाली को विद्युत नोदन प्रणाली से अंतरित करने और संचार उपग्रह जो कक्षा संवर्धन एवं स्टेशन रख-रखाव में मात्र विद्युत नोदन प्रणाली का उपयोग करते हैं, उसके लिए मार्ग प्रशस्त करने का प्रस्ताव किया गया है।
इन प्रणोदकों के शामिल होने से व्यापक द्रव्यमान की बचत होगी जिससे संचार उपग्रहों में प्रेषानुकर क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। ये प्रणोदक नोदक के रूप में ज़ेनॉन का उपयोग करते हैं। विद्युत नोदन प्रणाली का विशिष्ट आवेग, जो अंतरिक्ष नोदन प्रणाली का एक प्रमुख प्रदर्शन संकेतक है, पारंपरिक नोदन प्रणाली से कम से कम 6 गुना अधिक है। जीवन परीक्षण 5.4kW के पूर्ण ऊर्जा स्तर के अंतर्गत एक कक्ष में किया गया था जो अंतरिक्ष की निर्वात स्थितियों का अनुकरण करता है और इलेक्ट्रोड लाइनर्स के अपरदन की समय-समय पर निगरानी की गई थी।
जीवन परीक्षण के दौरान मापा गया अपरदन डेटा अनुवर्ती अपरदन एवं प्रणोदक के जीवन की भविष्यवाणी करने के लिए आवश्यक है। यह उपग्रह की कक्षा प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी होगी। यह परीक्षण उपग्रहों में शामिल होने से पहले प्रणोदकों की विश्वसनीयता और मजबूती को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रमुख उपलब्धि है। विद्युत नोदन प्रणाली को इसरो के आगामी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह (टीडीएस-01) में शामिल करने एवं मान्यता प्रदान करने का प्रस्ताव है और इसका उपयोग भूस्थिर कक्षा में कक्षा संवर्धन के लिए किया जाएगा।
300mN SPT developed by ISRO
Thruster undergoing life test