22 मई, 2025
16 मई, 2025 को इसरो और टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (टीआईएफआर) ने अंतरिक्ष विज्ञान और खगोल विज्ञान में देश की क्षमता को बढ़ाने हेतु अपनी शक्ति को समन्वित करने के लिए एक सहयोगात्मक बैठक आयोजित की। यह बैठक बेंगलूरु में आयोजित की गई थी, जिसमें इसरो और टीआईएफआर के पचास वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने भाग लिया।
इसरो मुख्यालय में अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम के निदेशक डॉ. तीर्थ प्रतिम दास ने अपने आरंभिक भाषण में देश के अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम के निर्माण में इसरो और टीआईएफआर के बीच वैज्ञानिक साझेदारी की ऐतिहासिक विरासत को याद किया। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष विज्ञान अन्वेषण के नए युग के महत्व को, विशेष रूप से स्पेस विजन 2047 के प्रकाश में, अंतरिक्ष क्षेत्र सुधारों और अंतरिक्ष नीति द्वारा विकसित अंतरिक्ष परितंत्र तथा स्पष्ट रूप से परिभाषित लक्ष्यों और उपलब्धियों के साथ वैज्ञानिक सहयोग के लिए एक औपचारिक ढांचा स्थापित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया । टीआईएफआर के निदेशक प्रोफेसर जयराम एन चेंगलूर ने दोनों संस्थानों की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को एकीकृत करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस सहयोग से अंतरिक्ष विज्ञान और खगोल विज्ञान के कई क्षेत्रों को लाभ होगा, जिसमें मिलीमीटर-तरंग खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष मौसम, रेडियो खगोल विज्ञान, ब्रह्मांडीय किरण भौतिकी और ग्रहीय विज्ञान आदि शामिल हैं। टीआईएफआर के राष्ट्रीय रेडियो खगोल भौतिकी केंद्र (एनसीआरए) के निदेशक प्रोफेसर यशवंत गुप्ता ने भारत की रेडियो खगोल विज्ञान वेधशालाओं की क्षमताओं, अंतरराष्ट्रीय मेगा-परियोजनाओं में उनकी प्रतिरूपकता और राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ सहयोग के संभावित क्षेत्रों के बारे में विस्तार से बताया।
बैठक में विषय-विशिष्ट चर्चाओं के लिए अनेक पारभेदन सत्र आयोजित किए गए। वैज्ञानिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए कार्य योजना की टिप्पणियों के साथ बैठक का समापन हुआ। अंतरिक्ष विज्ञान के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय नेटवर्क बनाने के इसरो के प्रयास के रूप में आयोजित यह सहयोगात्मक बैठक अंतरिक्ष विज्ञान और खगोल विज्ञान के वैश्विक कार्यक्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने की दिशा में इसरो और टीआईएफआर के बीच औपचारिक एवं केंद्रित सहयोग की एक प्रमुख उपलब्धि है।