25 अप्रैल, 2025
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) और श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (एससीटीआईएमएसटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने ‘अंतरिक्ष चिकित्सा में सहयोग से संबंधित समझौता ज्ञापन की रूपरेखा’ पर हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी देश में अंतरिक्ष चिकित्सा तथा उसके अनुप्रयोग में हो रही बढ़ोतरी में एक उल्लेखनीय पड़ाव है।
भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम, गगनयान इसरो का एक राष्ट्रीय प्रयास है जो मानव स्वास्थ्य अनुसंधान, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण अनुसंधान, अंतरिक्ष चिकित्सा और अंतरिक्ष जीव विज्ञान के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों, शिक्षा जगत और उद्योग को एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। इसरो और एससीटीआईएमएसटी के बीच यह बुनियादी समझौता ज्ञापन विशिष्ट अंतरिक्ष चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग कायम करेगा, जिससे राष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को लाभ होगा और साथ ही मानव शरीर विज्ञान संबंधी अध्ययन, व्यवहार स्वास्थ्य संबंधी अध्ययन, जैव चिकित्सा सहायता प्रणाली, विकिरण जीव विज्ञान एवं चिकित्सा, अंतरिक्ष वातावरण में मानव स्वास्थ्य एवं प्रदर्शन में सुधार के लिए प्रतिकारी उपाय, टेलीमेडिसिन और संचार प्रोटोकॉल तथा अंतरिक्ष मिशनों के लिए कर्मीदल मेडिकल किट के क्षेत्रों में नवाचारों और विकास को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम विशेष रूप से अंतरिक्ष चिकित्सा के क्षेत्र में अध्ययन और प्रयोगों के अवसर पैदा करेगा।
डॉ. वी. नारायणन अध्यक्ष, इसरो और सचिव, अंतरिक्ष विभाग एवं अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोग, ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान प्रयास, गगनयान का उद्देश्य अंतरिक्ष वातावरण के तहत मानव अनुसंधान के क्षेत्र में राष्ट्र की क्षमता को बढ़ाना है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि बाहरी अंतरिक्ष के चरम वातावरण में मानव स्वास्थ्य और प्रदर्शन को बनाए रखना लंबी अवधि के सफल मानव अंतरिक्ष मिशनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय अंतरिक्ष केंद्र जैसा एक राष्ट्रीय अंतरिक्ष आधारित मंच हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के आधार पर अत्याधुनिक मानव अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास करने के लिए विशिष्ट अंतरिक्ष वातावरण का उपयोग करने में सक्षम होगा। यह सहयोग युवाओं को विज्ञान प्रौद्योगिकी इंजीनियरी एवं गणित (एसटीईएम) के क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए प्रेरित कर सकेगा, जिससे देश में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
डॉ. क्रिस गोपालकृष्णन ने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि इस अभिनव उद्यम से चिकित्सा उपकरण विकास के क्षेत्र में शिक्षा जगत-उद्योग क्षेत्र के बीच उत्कृष्ट सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
डीएसटी के अपर सचिव और एआई प्रभाग के प्रमुख डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि अंतरिक्ष चिकित्सा में अनुसंधान और विकास से मानव शरीर क्रिया विज्ञान, मानव अनुकूलन, नए चिकित्सा उपकरणों और नैदानिक प्रक्रियाओं के विकास पर समझ बढ़ेगी। अंतरिक्ष संबंधी ये विकास पृथ्वी पर लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने की क्षमता रखते हैं।
एससीटीआईएमएसटी के निदेशक डॉ. संजय बिहारी ने अध्यक्ष, इसरो को धन्यवाद दिया और कहा कि एससीटीआईएमएसटी इसरो के साथ मिलकर स्वच्छ कक्ष और शून्य गुरुत्वाकर्षण प्रयोगशालाओं के विकास, अंतरिक्ष चिकित्सा, जैव-चिकित्सा उपकरणों के सह-विकास और अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए विकसित उपकरणों को पृथ्वी पर मानव स्वास्थ्य के लिए उपयोग में लाने में लाभदायक सहयोग की आशा करता है।
इस समझौता ज्ञापन पर एससीटीआईएमएसटी के निदेशक डॉ. संजय बिहारी और इसरो के वैज्ञानिक सचिव श्री एम गणेश पिल्लई ने डॉ. वी नारायणन, अध्यक्ष, इसरो और सचिव, अंतरिक्ष विभाग, श्री कृश गोपालकृष्णन, अध्यक्ष, एससीटीआईएमएसटी; भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अपर सचिव और एआई प्रभाग के प्रमुख श्री सुनील कुमार, एससीटीआईएमएसटी के उप निदेशक प्रो. मणिकंदन और इसरो तथा एससीटीआईएमएसटी के अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्यों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह में वीएसएससी के निदेशक डॉ. उन्नीकृष्णन नायर, एलपीएससी के निदेशक श्री एम मोहन, एचएसएफसी के निदेशक श्री दिनेश कुमार सिंह, आईआईएसटी, तिरुवनंतपुरम के निदेशक प्रो. दीपांकर बनर्जी और इसरो मुख्यालय, बेंगलूरु के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के निदेशक श्री हनमंतरी बालुरगी उपस्थित थे।
एससीटीआईएमएसटी के बारे में
श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (एससीटीआईएमएसटी) भारत में एक प्रमुख चिकित्सा अनुसंधान संस्थान है, जिसे भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक सांविधिक निकाय और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह संस्थान नवीन चिकित्सा तकनीकों के विकास, जटिल रोगों के उपचार पर ध्यान केंद्रित करता है और हृदय तथा तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्रों में संकेंद्रित उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। अत्याधुनिक सुविधाओं और प्रसिद्ध विशेषज्ञों की एक टीम के साथ एससीटीआईएमएसटी चिकित्सा अनुसंधान, शिक्षा, जैव चिकित्सा उपकरण विकास, निवारक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवा सुपुर्दगी में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
इसरो के बारे में
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भारत की अंतरिक्ष एजेंसी है। यह संगठन भारत और मानव जाति के लिए बाहरी अंतरिक्ष के लाभों के दोहन हेतु विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शामिल है। इसरो भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) का एक प्रमुख घटक है। यह विभाग मुख्य रूप से इसरो के भीतर विभिन्न केंद्रों या इकाइयों के माध्यम से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को क्रियान्वित करता है।