25 अप्रैल, 2025
भारत ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के माध्यम से अप्रैल 2025 से 6 महीने की अवधि के लिए "अंतरिक्ष और प्रमुख आपदाओं पर अंतरराष्ट्रीय चार्टर" की प्रमुख भूमिका संभालकर एक बार फिर अंतरिक्ष आधारित आपदा प्रबंधन में अपनी पहल का प्रदर्शन किया। प्रमुख भूमिका का कार्यकाल राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) / इसरो द्वारा 14-17 अप्रैल 2025 के दौरान हैदराबाद में चार्टर की 53वीं बैठक आयोजित करने के साथ शुरू हुआ। इसमें अंतरिक्ष आधारित आपदा प्रबंधन गतिविधियों में कार्यरत प्रमुख वैश्विक अंतरिक्ष एजेंसियों (22 विदेशी प्रतिनिधियों के व्यक्तिगत रूप से भाग लेने सहित) की भागीदारी देखी गई।
इसरो के एक संस्थापक सदस्य होने के साथ-साथ भारत इस चार्टर का एक हस्ताक्षरकर्ता भी है जो वर्ष 2025 में अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। चार्टर 17 सदस्य संगठनों को शामिल करते हुए एक सहयोगी संरचना के रूप में कार्य करता है, और ये संगठन वैश्विक स्तर पर होने वाली आपदाओं के प्रबंधन के लिए स्वेच्छा से भू-प्रेक्षण डेटा और मूल्यवर्धित उत्पाद प्रदान करते हैं।
अध्यक्ष, इसरो / सचिव, अंतरिक्ष विभाग, डॉ. वी. नारायणन ने अंतरराष्ट्रीय चार्टर के बोर्ड सदस्यों को संबोधित किया और आपदा प्रबंधन सहायता के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग में चार्टर के प्रति इसरो की प्रतिबद्धता दोहराई।
अगले छह महीनों में प्रमुख भूमिका के दौरान, एनआरएससी/इसरो अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियों का उपयोग करते हुए चार्टर के वैश्विक आपदा प्रतिक्रिया संबंधी प्रयासों का समन्वय करेगा, जिसमें सक्रियण अनुरोधों का प्रबंधन, उत्पादों का तेजी से प्रसार, रणनीतिक योजना का नेतृत्व, और प्रशिक्षण की सुविधा; आउटरीच और क्षमता निर्माण संबंधी गतिविधियां शामिल होंगी।
चार्टर में भारत की अग्रणी भूमिका अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, तकनीकी सामर्थ्य और मानवीय प्रतिबद्धता में दशकों के निरंतर निवेश को दर्शाती है।
Secretary, Department of Space and Chairman, ISRO, addressing the Delegates during the 53rd meeting of the Charter
Board & Executive Secretariat Members of the International Charter during the 53rd Charter Meeting, held in Hyderabad between 14–17th April 2025