इसरो और इन-स्पेस ने ऑटोमोटिव उद्योग के लिए स्पिन-ऑफ अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर कार्यशाला का आयोजन किया
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दिसंबर 13, 2024

उद्योगों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के व्यापक उपयोग को सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए, इसरो और इन-स्पेस ने 11 दिसंबर, 2024 को इसरो मुख्यालय, बेंगलुरु में एक दिवसीय कार्यशाला की मेजबानी की। कार्यशाला का केंद्र-बिन्दु ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने पर था। इस आयोजन का उद्देश्य भारतीय ऑटोमोटिव क्षेत्र के भीतर सार्थक और लागत प्रभावी अनुप्रयोगों में इसरो की उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने पर एक रणनीतिक बातचीत शुरू करना था। इस पहल का उद्देश्य आयातित प्रौद्योगिकियों पर भारतीय ऑटोमोटिव क्षेत्र की निर्भरता को कम करके नवाचार को बढ़ावा देना और आत्मनिर्भरता बढ़ाना है।

अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (सैक) अहमदाबाद, विद्युत-प्रकाशिकी तंत्र प्रयोगशाला (लियोस, बेंगलुरु), इसरो जड़त्वीय प्रणाली यूनिट (आईआईएसयू, तिरुवनंतपुरम), विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी, तिरुवनंतपुरम) एवं द्रव प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) सहित विभिन्न इसरो केंद्रों के विशेषज्ञों ने 43 क्यूरेटेड प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया। इनमें कैमरा/प्रतिबिंबन संवेदक, तापमान और दबाव संवेदक, जाइरोस्कोप, एक्सेलेरोमीटर, ध्वानिक और कंपन संवेदक, विशेष विलेपन और आसंजक, कंपन प्रतिरोधक और रव दमन तकनीक, विद्युतरोधन तकनीक और सुरक्षा प्रणालियां शामिल हैं। इसरो वैज्ञानिकों के नेतृत्व में चले सत्रों में ऑटोमोटिव क्षेत्र में विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए इन प्रौद्योगिकियों के संभावित अनुकूलन के बारे में भी विस्तार से बताया गया।

अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने व्यापक औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम से ज्ञान हस्तांतरित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ऑटोमोटिव उद्योग के नेताओं को यह पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया कि अंतरिक्ष-ग्रेड प्रौद्योगिकियां द्वारा वाहन सुरक्षा, प्रदर्शन और स्थिरता को कैसे बढ़ाया जा सकता है। इन-स्पेस के अध्यक्ष डॉ. पवन गोयनका ने इसरो वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की और कार्यशाला से उत्पन्न गति को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इन प्रौद्योगिकियों की व्यावसायिक तैनाती के लिए ऑटोमोटिव उद्योग के भीतर एक कंसोर्टियम दृष्टिकोण के नेतृत्व में पायलट परियोजनाओं की वकालत की।

सुब्रोस लिमिटेड की सीएमडी और ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) की अध्यक्ष सुश्री श्रद्धा सूरी मारवाह ने अंतरिक्ष क्षेत्र से उन्नत समाधान अपनाने के लिए ऑटोमोटिव क्षेत्र की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। इसरो में एसोसिएट वैज्ञानिक सचिव श्री विक्टर जोसेफ और इन-स्पेस में तकनीकी निदेशक श्री राजीव ज्योति ने इसरो विशेषज्ञों और ऑटोमोटिव प्रतिनिधिमंडल के बीच चर्चा का संचालन किया। प्रतिनिधिमंडल में भारतीय ऑटोमोटिव घटक निर्माताओं ऑटोमोटिव ओईएम के प्रमोटर, सीईओ, सीटीओ और आर एंड डी टीम के सदस्य शामिल थे।

एसीएमए और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) ने उद्योग के सदस्यों के साथ समन्वय प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑटोमोटिव प्रतिनिधियों ने इसरो और इन-स्पेस के प्रयासों की सराहना की और कार्यशाला को काफी ज्ञानवर्धक, जानकारीपूर्ण और लाभदायक बताया। उन्होंने इस कार्यशाला को इसरो से ऑटोमोटिव उद्योग में भविष्य के सहयोग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए एक मजबूत शुरुआती बिंदु के रूप में देखा।

कार्यशाला ने ऑटोमोटिव क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी लाने और इसे भारतीय ऑटो उद्योग की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कैसे अनुकूलित किया जा सकता है, उसकी खोज में प्रथम महत्वपूर्ण कदम के रूप में कार्य किया। इस पहल के बाद आने वाले महीनों में इसरो, इन-स्पेस और ऑटोमोटिव उद्योग के बीच आगे विचार-विमर्श किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए संपर्क बनाए रखें।

ISRO & IN-SPACe organize Workshop on Spin-Off Space Technologies for  Automotive Industry
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