30 मई, 2025
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 22 मई, 2025 को एमएएनआईटी भोपाल में मध्य क्षेत्र (मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़) के लिए एक दिवसीय शिक्षा जगत गठजोड़ कार्यशाला का आयोजन किया। डॉ. वी. नारायणनसचिव,अंतरिक्ष विभाग / अध्यक्ष, इसरो ने डॉ. के. के. शुक्ला, निदेशक, एमएएनआईटी भोपाल और श्री एम. गणेश पिल्लई, वैज्ञानिक सचिव, इसरो की उपस्थिति में कार्यशाला का उद्घाटन किया।
इसरो/अंतरिक्ष विभाग के केंद्रों से वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न संभावित अनुसंधान क्षेत्रों पर चर्चा की, जहां शिक्षाविद और इसरो सहयोग कर सकते हैं। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 70 इंजीनियरिंग कॉलेजों/विश्वविद्यालयों के 200 से अधिक शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया।
डॉ. वी. नारायणन, सचिव, अंतरिक्ष विभाग/अध्यक्ष, इसरो ने एसटीआईसी सुविधा का उद्घाटन किया और "अंतरिक्ष में अनुसंधान क्षेत्र - 2025" दस्तावेज़ भी जारी किया, जो अंतरिक्ष विभाग के अनुसंधान क्षेत्रों का संकलन है और शैक्षिक सहयोग के लिए खुला है। इस दस्तावेज़ में 87 अनुसंधान क्षेत्र शामिल हैं और इसका उपयोग इसरो के साथ सहयोग हेतुशिक्षा जगत द्वारा प्रस्ताव तैयार करने के लिए संदर्भ दस्तावेज़ के रूप में किया जाएगा। अंतरिक्ष में अनुसंधान क्षेत्र - 2025 दस्तावेज़ को इस लिंक पर देखा जा सकता है।
अंतरिक्ष विभाग ने मध्य क्षेत्र के लिए एमएएनआईटीभोपाल में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विकास केंद्र (एसटीआईसी) सुविधा भी स्थापित की है। एमएएनआईटीभोपाल में स्थापित एसटीआईसीसुविधा केंद्र मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ को आवृत करते हुएमध्य क्षेत्र के नवोन्मेषी विचारों वाले छात्रों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अनुसंधान करने के लिए आकर्षित करने और उन्हें पोषित करने के लिए एक नोडल केंद्र के रूप में कार्य करेगा।