17 दिसंबर, 2025
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के वर्तमान और उभरते अनुसंधान क्षेत्रों में शिक्षाविदों को अंतर्दृष्टि प्रदान करने के उद्देश्य से, 16 दिसंबर, 2025 को इसरो मुख्यालय में इसरो अकादमिक दिवस का आयोजन किया गया। अंतरिक्ष विभाग के सचिव/इसरो के अध्यक्ष ने इसरो के वैज्ञानिक सचिव, इसरो केंद्र/इकाई के निदेशकों, इसरो के विभिन्न केंद्रों के वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षाविदों की उपस्थिति में कार्यक्रम का उद्घाटन किया और रिस्पॉन्ड बास्केट - 2025 का विमोचन किया।
अंतरिक्ष विभाग के सचिव/इसरो के अध्यक्ष ने अपने उद्घाटन भाषण में भारत के बढ़ते अंतरिक्ष कार्यक्रम में नवोन्मेषी विचारों, उन्नत अनुसंधान और कुशल मानव संसाधनों के योगदान में शिक्षा जगत की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और सहयोगात्मक अनुसंधान के माध्यम से जटिल तकनीकी चुनौतियों का समाधान करने में रिस्पॉन्ड कार्यक्रम के प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि इसरो आगामी दशकों के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिनमें भारतीय अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना, चंद्रयान-4 चंद्र नमूना वापसी मिशन, गगनयान निरंतरता मिशन, शुक्र आर्बिटर और अंततः चंद्रमा पर मानव अवतरण शामिल हैं। ऐसे में शिक्षा जगत की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होगी। अंतरिक्ष क्षेत्र सुधारों की घोषणा के साथ, रिस्पॉन्ड जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा जगत मानव संसाधनों को तैयार करने और उनके कौशल को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, ताकि वे बढ़ते अंतरिक्ष उद्योग के भविष्य के लिए तैयार हो सकें।
रिस्पॉन्ड बास्केट 2025 में इसरो के विभिन्न केंद्रों से चयनित 125 शोध प्रस्ताव शामिल हैं। अनुसंधान बास्केट 2025 अनुसंधान समस्या विवरण अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों में इसरो की वर्तमान और उभरती जरूरतों को दर्शाते हैं। इन विषयों का चयन भविष्य की परियोजनाओं से जुड़े सबसे प्रासंगिक और उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों से किया गया है, जहां नवोन्मेषी सोच नई खोजों को गति दे सकती है। इस कार्यक्रम में 50 संस्थानों के लगभग 125 शिक्षाविदों ने भाग लिया।