10 अप्रैल, 2025
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), कुरुक्षेत्र के सहयोग से 08 अप्रैल, 2025 को हमारे देश के उत्तरी क्षेत्र के लिए एनआईटी कुरुक्षेत्र में क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र (आरएसी-एस) में एक दिवसीय इसरो शिक्षा जगत संयोजकता कार्यशाला का आयोजन किया। इसरो शिक्षा जगत संयोजकता का उद्देश्य अंतरिक्ष के लिए क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र (आरएसी-एस) के बारे में जागरूकता पैदा करना तथा उन्नत अनुसंधान एवं विकास संबंधी आवश्यकताओं को उजागर करना था। कार्यशाला का उद्घाटन डॉ. वी. नारायणन, सचिव अंतरिक्ष विभाग/ अध्यक्ष इसरो ने एनआईटी कुरुक्षेत्र के निदेशक प्रो. बी.वी. रमन्ना रेड्डी, इसरो के वैज्ञानिक सचिव श्री एम. गणेश पिल्लई,प्रो. रविकांत, डीन, शोध एवं परामर्शिता, एनआईटी कुरुक्षेत्र और श्री जी. हरिकृष्णन, निदेशक, सीबीपीओ, इसरो मुख्यालय की उपस्थिति में किया।
चिव अंतरिक्ष विभाग/अध्यक्ष इसरो ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के वर्तमान में जारी और भविष्य के मिशनों के लिए अनुसंधान संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में शैक्षणिक संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, ताकि भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व का अवसर प्राप्त हो।
इसरो विभाग के अंतरिक्ष केंद्रों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न संभावित अनुसंधान वाले क्षेत्रों पर प्रस्तुति दी है, जहां शिक्षाविद और इसरो सहयोग कर सकते हैं। कार्यक्रम में 50 इंजीनियरिंग कॉलेजों/विश्वविद्यालयों के 150 से अधिक शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम से उत्तरी क्षेत्र के 80,000 छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के वर्तमान विकास एवं भविष्य की संभावनाओं के बारे में जानकारी प्रसारित किए जाने की भी उम्मीद है।