27 जनवरी, 2024
इन्सैट-3डी, इसरो द्वारा निर्मित एक विशिष्ट मौसम विज्ञान उपग्रह है जिसका प्राथमिक उद्देश्य मौजूदा इन-ऑर्बिट इन्सैट-3डी और 3डीआर उपग्रहों की सेवाएं जारी रखना और इनसैट प्रणाली की क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है, जिसे जीएसएलवी एफ14 पर प्रमोचित करने के लिए 25 जनवरी, 2024 को एसडीएससी-एसएआर लॉन्च-पोर्ट पर रवाना किया गया है। इस उपग्रह ने यू.आर. राव उपग्रह केंद्र, बेंगलूरु में उपग्रह समुच्चयन, एकीकरण और परीक्षण गतिविधियों को सफलतापूर्वक पूरा किया था। प्री-शिपमेंट समीक्षा (पीएसआर) 25 जनवरी, 2024 को उपयोगकर्ता समुदाय के सदस्यों की भागीदारी के साथ आयोजित की गई थी।
यह उपग्रह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के साथ उपयोगकर्ता वित्त पोषित परियोजना है, जिसे इसरो के सुप्रमाणित आई-2के बस प्लेटफार्म के इर्द-गिर्द 2275 किलो के उत्थापन भार के साथ संरूपित किया गया है। भारतीय उद्योगों ने उपग्रह के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इस उपग्रह को अत्याधुनिक नीतभारों, 6 चैनल प्रतिबिंबित्र और 19 चैनल ध्वनित्र मौसम विज्ञान नीतभार, संचार नीतभार, जैसे कि डेटा प्रसारण प्रेषानुकर (डीआरटी) और उपग्रह समर्थित खोज और बचाव (एसएएस एंड आर) ट्रांसपोंडर के साथ मौसम पूर्वानुमान और आपदा चेतावनी के लिए उन्नत मौसम विज्ञान प्रेक्षणों और भूमि और महासागर सतहों की निगरानी के लिए डिज़ाइन किया गया है। डेटा प्रसारण प्रेषानुकर (डीआरटी) उपकरण, स्वचालित डेटा संग्रह प्लेटफार्मों/ स्वचालित मौसम स्टेशनों (एडब्ल्यूएस) से मौसम विज्ञानी, हाइड्रोलॉजिकल और समुद्र विज्ञान डेटा प्राप्त करता है और मौसम पूर्वानुमान क्षमताओं को बढ़ाता है। वैश्विक प्राप्ति कवरेज के साथ खोज और बचाव सेवाओं के लिए बीकन ट्रांसमीटरों से विपदा संकेत / चेतावनी का पता लगाने के लिए उपग्रह में उपग्रह वर्धित खोज और बचाव (एसएएस एंड आर) प्रेषानुकर को शामिल किया गया है।