24 मार्च, 2025
आईआईआरएस वर्ष 2013 से अकादमिक/उपयोगकर्ता सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, ताकि भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों में प्रगति के बारे में हितधारकों को अवगत कराया जा सके; क्षमता निर्माण और अनुसंधान में आईआईआरएस की भूमिका के बराबर और उपयोगकर्ता संगठनों के साथ क्षमता निर्माण के तहत नए अवसरों को समझा और तलाशा जा सके। इस वर्ष, आईआईआरएस अकादमिक सम्मेलन (आईएएम) 21 मार्च, 2025 को “हिमालय की खोज: ईओ परिप्रेक्ष्य और अंतर्दृष्टि” विषय पर आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में हिमालयी क्षेत्र की चुनौतियां और मुद्दे, अंतरिक्ष आधारित प्रणालियों से उपलब्ध जानकारी, हितधारक विभागों की आवश्यकताएं और इस क्षेत्र में क्षमता निर्माण की आवश्यकताओं पर विचार-विमर्श शामिल थे। इसरो के शीर्ष विज्ञान बोर्ड के अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोग के सदस्य और पीआरएल शासी परिषद के अध्यक्ष श्री ए.एस. किरण कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। श्री हितेश कुमार एस. मकवाना (आईएएस), भारत के महासर्वेक्षक और प्रो. एस.पी. सिंह, गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति भी प्रतिष्ठित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। डॉ. एम. मधु, निदेशक, आईसीएआर- भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून और डॉ. एम.के. गोयल, निदेशक, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच), रुड़की को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। विभिन्न शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के प्रतिष्ठित वक्ताओं ने दो तकनीकी सत्रों के दौरान विचार-विमर्श किया: (i) हिमालय सत्र में जलमंडल-हिममण्डल क्रायोस्फीयर अन्योन्यक्रिया (तकनीकी सत्र-1), और (ii) हिमालयी जैवमंडल और स्थलमंडल: अवसर एवं खतरे (तकनीकी सत्र-2), इनके पश्चात, 'हिमालयी क्षेत्र के लिए ईओ विज्ञान और अनुप्रयोगों में भविष्य की दिशाएं' विषय पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई।
कार्यक्रम के दौरान चर्चाओं में जलवायु परिवर्तन और सतत विकास लक्ष्यों पर कार्रवाई योग्य अध्ययनों को प्राथमिकता देने के लिए भविष्य के हिमालयी शोध कार्यक्रमों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। इसे एआई (AI) और एमएल (ML) तकनीकों सहित उन्नत डेटा विज्ञान दृष्टिकोणों का लाभ उठाने वाले प्रक्रिया-आधारित मॉडलों के माध्यम से प्राप्त किया जाना चाहिए। इस कार्यक्रम में 46 शैक्षणिक और शोध संस्थानों ने भौतिक रूप से सक्रिय भागीदारी की, जबकि 104 संस्थान आभासी रूप से शामिल हुए। इसके अलावा, आईआईआरएस, इसरो के छात्रों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने भी इसमें भाग लिया। आईएएम-2025 के परिणाम आईआईआरएस के प्रशिक्षण, शिक्षा और अनुसंधान पहलों को और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।