आईआरएनएसएस -1एफ की अपभू वृद्धि पैंतरेबाज़ी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पास पिछले 40 वर्षों के दौरान कई उपग्रह मिशनों के साथ एक जीवंत पृथ्वी अवलोकन (ईओ) कार्यक्रम है। उपग्रहों की भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह (एलआरएस) श्रृंखला राष्ट्रीय प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एनएनआरएमएस) के तत्वावधान में प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी और प्रबंधन और आपदा प्रबंधन सहायता के लिए अंतरिक्ष आधारित जानकारी प्रदान करती है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (एलएलआरएस) इसरो का एक प्रमुख संस्थान है जो पिछले पांच दशकों से प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी और आपदा प्रबंधन के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के उपयोग पर प्रशिक्षण, शिक्षा और क्षमता निर्माण में लगा हुआ है। संस्थान ने अब तक 16 सैटेलाइट/इंटरनेट आधारित आउटरीच कार्यक्रम संचालित किए हैं, जिससे 30 से अधिक लाभान्वित हुए हैं। भू-स्थानिक अनुप्रयोगों के लिए जियोवेब सेवाओं और संबंधित प्रौद्योगिकियों के ज्ञान को और बढ़ाने के लिए 28 जून - 15 जुलाई, 2016 के दौरान जियोवेब सेवाएं और जियोपोर्टल ऐप्टिकेशन आयोजित किए जा रहे हैं।
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