अक्तूबर 23, 2025
अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विषय पर केंद्रित उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी 2025) के लिए एक पूर्वावलोकन कार्यक्रम का आयोजन किया।
यह कार्यक्रम 23 अक्टूबर, 2025 को इसरो मुख्यालय, बेंगलूरु में डॉ. वी. नारायणन, सचिव, अंतरिक्ष विभाग / अध्यक्ष, इसरो, श्री राजराजन ए, निदेशक, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) और श्री एम. गणेश पिल्लई, वैज्ञानिक सचिव के साथ-साथ वरिष्ठ वैज्ञानिकों, अधिकारियों और मीडिया के सदस्यों की उपस्थिति में आयोजित किया गया।
ईएसटीआईसी-2025 का पूर्वावलोकन कार्यक्रम
ईएसटीआईसी 2025 के पूर्वावलोकन कार्यक्रम के दौरान अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों पर विषयगत वीडियो का विमोचन
ईएसटीआईसी-2025 के बारे में
उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में भारत की क्षमताओं को आगे बढ़ाने के लिए नवप्रवर्तकों, शोधकर्ताओं, उद्योग के नेताओं, नीति निर्माताओं और संस्थानों को एक साथ लाना है।
ईएसटीआईसी 2025 उभरती हुई प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने, सफलता की कहानियों को साझा करने और अंतर-विषयक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक गतिशील मंच के रूप में कार्य करेगा। वैज्ञानिक प्रगति और सतत विकास पर राष्ट्रीय मिशनों के साथ संरेखित, यह एक समावेशी, आत्मनिर्भर नवाचार परितंत्र की परिकल्पना करता है जो सामाजिक लाभ हेतु विचारों को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में बदलने की गति को बढ़ाता है।
कार्यक्रम की मुख्य बातें
पूर्वावलोकन सत्र में, श्री एम. गणेश पिल्लई, वैज्ञानिक सचिव ने गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। अंतरिक्ष विभाग, शाखा सचिवालय के विशेष कार्य अधिकारी डॉ. राजीव कुमार जायसवाल ने ईएसटीआईसी 2025 का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया, जिसमें ग्यारह विषयगत सत्रों और उनके वक्ताओं के बारे में बताया गया और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विषय के महत्व पर बल दिया गया।
श्री राजराजन ए. निदेशक, वीएसएससी / अध्यक्ष, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विषयगत समिति ने "विकसित भारत@2047" पर केंद्रित विषयगत सत्र के दृष्टिकोण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ईएसटीआईसी 2025 के आयोजन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विषयगत समिति के गठन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के नेतृत्व की सराहना की। मुख्य आकर्षणों में युवा नेताओं, महिला उद्यमियों और उद्योग-शिक्षा जगत सहयोग की पहचान करना और दृष्टिकोण दस्तावेज़ तैयार करना शामिल था। यह सत्र वर्ष 2047 के लिए भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों, भविष्य के मिशनों और नवाचार दिशानिर्देशों पर प्रकाश डालेगा।
मुख्य भाषण देते हुए, डॉ. वी. नारायणन, सचिव, अंतरिक्ष विभाग / अध्यक्ष, इसरो ने देश की नवाचार संस्कृति को मजबूत करने में ईएसटीआईसी जैसी पहलों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इसरो की भागीदारी अनुसंधान उत्कृष्टता, क्षमता निर्माण और साझेदारी को बढ़ावा देने में उसकी स्थायी प्रतिबद्धता दर्शाती है जो अंतरिक्ष और संबद्ध प्रौद्योगिकियों में राष्ट्रीय प्रगति को गति प्रदान करती है। इस अवसर पर उन्होंने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विषय पर एक वीडियो जारी किया। अध्यक्ष ने "विकसित भारत 2047" की दिशा में मंत्रालयों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए ईएसटीआईसी 2025 के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने गहन तकनीकी नवाचारों, स्टार्ट-अप्स और वैश्विक वैज्ञानिक नेतृत्व को प्रदर्शित करने पर जोर दिया। यह आयोजन राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को संरेखित करने के लिए 13 मंत्रालयों को एक साथ जोड़ता है। उन्होंने अंतरिक्ष के क्षेत्र में हाल की उपलब्धियों और निकट भविष्य की गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी।
पूर्वावलोकन कार्यक्रम में पचास से अधिक मीडियाकर्मियों ने सक्रिय भागीदारी की और उन्होंने कार्यक्रम के दौरान इसरो के अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों के साथ बातचीत की।
ईएसटीआईसी 2025 के दृष्टिकोण और उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए मीडिया को संबोधन
विवरण: विषयगत वीडियो जारी - ईएसटीआईसी -2025 प्रारूप : webm फ़ाइल का आकार : 46 एमबी अवधि : 00:02:23 प्लगइन : लागू नहीं
विवरण: ईएसटीआईसी -2025 प्रारूप : webm फ़ाइल का आकार : 800 एमबी अवधि : 00:05:32 प्लगइन : लागू नहीं