13 जनवरी, 2025
अध्यक्ष, इसरो/सचिव, अंतरिक्ष विभाग ने इसरो मुख्यालय, बेंगलूरु से 09 जनवरी, 2025 को ऑनलाइन मोड में स्टार्ट कार्यक्रम के तीसरे संस्करण, स्टार्ट-2025 का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में इसरो/अंतरिक्ष विभाग के केंद्रों सहित देश भर के विभिन्न संस्थानों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों द्वारा बीस दिनों तक चलने वाली (09 से 29 जनवरी, 2025 तक) ऑनलाइन व्याख्यान शृंखला की शुरूआत हुई।
मुख्य रूप से भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के भौतिक विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के स्नातक तथा स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए, स्टार्ट कार्यक्रम अंतरिक्ष विज्ञान और अन्वेषण के अनेक पहलुओं का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करता है। स्टार्ट कार्यक्रम से आम तौर पर औसतन लगभग चालीस हजार छात्रों, शिक्षकों और अंतरिक्ष प्रेमियों को लाभ होता है और वर्ष 2023 से इसने अकादमिक संस्थानों के वरिष्ठ छात्रों और संकाय सदस्यों के समुदाय को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी को रोजगार के रूप में अपनाने के लिए प्रभावित किया है । हर साल स्टार्ट कार्यक्रम अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित विशिष्ट विषयों पर आधारित होता है। पहला स्टार्ट कार्यक्रम, अर्थात स्टार्ट-2023, 'अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अवलोकन' विषय पर था। स्टार्ट-2024 की थीम 'सौर मंडल का अन्वेषण था, जबकि इस वर्ष स्टार्ट-2025 की थीम 'भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण का भविष्य' है। हर साल, सैकड़ों शैक्षणिक संस्थान अपने छात्रों को इस कार्यक्रम में भाग लेने की सुविधा प्रदान करने हेतु नोडल केंद्र के रूप में स्वेच्छा से काम करते हैं। स्टार्ट-2025 कार्यक्रम में 563 संस्थान नोडल केंद्र के रूप में कार्यरत हैं।
स्टार्ट कार्यक्रम के प्रतिभागी तीन श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं, अर्थात श्रेणी-1 (जो एक नोडल केंद्र के तहत नामांकन करके भाग लेते हैं), श्रेणी-2 (किसी भी पृष्ठभूमि के पंजीकृत व्यक्तिगत प्रतिभागी (उन छात्रों सहित जो श्रेणी-1 के पात्र नहीं हैं/ श्रेणी-1 के माध्यम से शामिल नहीं हो सके) और श्रेणी-3 (व्यक्तिगत अंतरिक्ष उत्साही, जो यूट्यूब के माध्यम से व्याख्यान में भाग लेते हैं)। श्रेणी-1 के छात्रों को पाठ्यक्रम के समापन के बाद आयोजित एक ऑनलाइन परीक्षा में बैठने का अवसर मिलता है, जबकि श्रेणी-2 के छात्रों को प्रत्येक व्याख्यान के बाद प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिलता है। श्रेणी 1 और 2 के प्रतिभागियों को कुछ शर्तों के अधीन उपयुक्त प्रमाणपत्र दिए जाते हैं।
इसके अनुवर्तन के क्रम में, श्रेणी-1 के छात्रों में से कुछ टॉपर्स को राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान संगोष्ठी (एनएसएसएस) में विशेष रूप से चिह्नित छात्रों के सत्र में भाग लेने का अवसर प्रदान किया जाता है, जहां उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर उन्नत कार्यशालाओं, इसरो/अंतरिक्ष विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने के साथ-साथ अपने वैज्ञानिक विचार प्रस्तुत करने के अवसर प्रदान किए जाते हैं। इन छात्रों को आपस मे ऐसे जोड़ा जाता है जिससे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों की समान विचारधारा वाली विज्ञान की ओर उन्मुख भावी पीढ़ी का एक मजबूत नेटवर्क बनाया जा सके।
स्टार्ट-2025 के उद्घाटन समारोह के दौरान, अध्यक्ष, इसरो / सचिव, अंतरिक्ष विभाग ने अपने संबोधन में विशेष रूप से छात्र समुदाय को भारत के अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नत क्षमताओं के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका से अवगत कराने का लक्ष्य रखा था। उन्होंने छात्रों से अपनी क्षमताओं का पता लगाने और आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह करते हुए प्रेरित किया कि वे भारत के अंतरिक्ष विज्ञान अन्वेषण की उन्नति में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्पेस विजन 2047 के महत्व पर जोर दिया गया जहां देश अपने स्वयं के अंतरिक्ष स्टेशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) और उस परिदृश्य की कल्पना करता है जहां भारतीय चंद्रमा पर उतरेंगे और स्वदेशी तकनीक के साथ सभी वैज्ञानिक प्रयोग करने के बाद सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस आएंगे। अध्यक्ष, इसरो/सचिव, अंतरिक्ष विभाग के साथ श्री ए एस किरण कुमार, अध्यक्ष, एपेक्स साइंस बोर्ड, इसरो, पूर्व अध्यक्ष, इसरो/सचिव, अंतरिक्ष विभाग , अंतरिक्ष आयोग के सदस्य; श्री विक्टर जोसेफ, वैज्ञानिक सचिव, इसरो; डॉ. राघवेंद्र प्रताप सिंह, निदेशक, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस), इसरो, देहरादून; डॉ. तीर्थ प्रतिम दास, विज्ञान कार्यक्रम कार्यालय, इसरो मुख्यालय के निदेशक; डॉ. हरीश कर्नाटक, प्रमुख, जीआईटी एंड डीएल विभाग, आईआईआरएस, इसरो, और डॉ. प्रवीण कुमार के, उप निदेशक, विज्ञान कार्यक्रम कार्यालय, इसरो मुख्यालय भी उपस्थित थे। उद्घाटन समारोह के बाद डॉ. तीर्थ प्रतिम दास द्वारा 'भारतीय अंतरिक्ष अन्वेषण का अतीत, वर्तमान और भविष्य: स्टार्ट-2025 के लिए संदर्भ' विषय पर परिचयात्मक व्याख्यान दिया गया।
इसरो अंतरिक्ष प्रेमियों को आईआईआरएस डिजिटल लर्निंग प्रोग्राम के यूट्यूब चैनल, https://youtube.com/@iirsoutreachdehradun. के माध्यम से व्याख्यान देखने के लिए प्रोत्साहित करता है। व्याख्यान कार्यक्रम और अध्ययन सामग्री सहित स्टार्ट कार्यक्रम पर अधिक विवरण वेबसाइट https://jigyasa.iirs.gov.in/START. के माध्यम से उपलब्ध है।