01 सितंबर, 2025
परिचय
1960 के दशक में शुरू किए गए भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान और ग्रहों की खोज को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है। अंतरिक्ष विज्ञान मिशन वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय प्रगति प्रदान करते हैं और देश के युवाओं में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करते हैं। चंद्रयान-1, मंगल कक्षीय मिशन, एस्ट्रोसैट, चंद्रयान-2, आदित्य-L1 और एक्सपोसैट जैसे अंतरिक्ष विज्ञान और अन्वेषण मिशनों ने बहुमूल्य विज्ञान संबंधी डेटा और वैज्ञानिक प्रकाशन प्रदान किए, जिससे सौर मंडल और ब्रह्मांड के बारे में मौजूदा ज्ञान में वृद्धि हुई। इसरो की क्षमताओं और तकनीकी क्षमता का प्रमाण चंद्रयान-3 है, जिसने 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी उच्च अक्षांशों पर ऐतिहासिक मृदु अवतरण किया, इस दिन को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया गया।
चंद्रमा का अध्ययन करने के भारत के प्रयास की परिणति चंद्रयान-1 के प्रमोचन के रूप में हुई। इसमें एक ऑर्बिटर और मून इम्पैक्ट प्रोब (एमआईपी) शामिल था। यह महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सहयोग वाला पहला मिशन है। सतह, उप-सतह और बहिर्मंडल पर जल की उपस्थिति का पता लगाने, लघु चुम्बकत्व मण्डल, चंद्र सतह पर सौर पवन की परस्पर क्रिया, दफन लावा ट्यूब आदि जैसे खोज-श्रेणी के परिणामों ने चंद्रमा के बारे में नए दृष्टिकोण प्रदान किए। अधिक व्यापक मिशन, चंद्रयान-2 को 2019 में एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर के साथ प्रमोचित किया गया था। चूंकि अवतरण का प्रयास सफल नहीं रहा, इसलिए स्व-स्थाने जांच नहीं की जा सकी। हालाँकि, ऑर्बिटर ने 6 वर्षों का सुदूर संवेदन कार्य पूरा किया और ध्रुवीय कक्षा से चंद्रमा का अध्ययन जारी है। वैश्विक उच्च-विभेदन वाले तात्विक मानचित्र, पानी का स्पष्टता से पता लगाना, वैश्विक बहिर्मंडलीय गतिकी, शांत-सूर्य काल के दौरान सूक्ष्म ज्वालाएँ इस मिशन के कुछ प्रमुख परिणाम हैं।
चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 ऑर्बिटर से प्राप्त आँकड़ों का भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा चंद्र सतह और उप-सतह, संरचना (तत्व और खनिज विज्ञान) और बहिर्मंडल को समझने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया गया है। इन अध्ययनों ने चंद्र विकास प्रक्रियाओं के बारे में बेहतर और विचारशील दृष्टिकोण प्रदान किए हैं। इसरो ने आँकड़ा उपयोग हेतु अवसर की घोषणा (एओ) जारी करके विज्ञानी समुदाय का विस्तार किया है और वर्तमान में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में 30 परियोजनाएँ चल रही हैं। भारतीय विज्ञानी समुदाय को स्व-स्थाने अध्ययनों के लिए सशक्त बनाने हेतु चंद्रयान-3 लैंडर और रोवर नीतभार के आँकड़ों को जनता के लिए उपलब्ध कराया गया है और वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए वैज्ञानिक प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।
चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई 2023 को चंद्रमा पर अवतरण का प्रदर्शन करने और स्व-स्थाने अध्ययन करने के लिए प्रमोचित किया गया था। अवतरण के बाद, रोवर अवतरण स्थल के चारों ओर घूमा और कुल ~100 मीटर की दूरी तय की। लैंडर और रोवर पर नीतभार को स्व-स्थाने जांच के लिए तैनात किया गया था। मिशन के उद्देश्य सफलतापूर्वक पूरे हुए और नीतभार ने एक चंद्र दिवस के लिए अवतरण क्षेत्र की भूकंपीयता, ताप-भौतिक गुणों, प्लाज्मा पर्यावरण और तात्विक संरचना से संबंधित डेटा एकत्र किया। नीतभार टीमों ने डेटासेट का विश्लेषण किया और प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित किया। कार्यक्षेत्र विशेषज्ञों द्वारा विज्ञान संबंधी डेटा की व्यापक समीक्षा की गई है और 23 अगस्त 2024 को जनता के लिए जारी किया गया है। भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान डेटा केंद्र (आईएसएसडीसी) के पीआरएडीएएन पोर्टल से डेटा तक पहुँचने और ब्राउज़ करने के लिए, कृपया https://pradan.issdc.gov.in/ch3 पर जाएँ।
चंद्रयान-3 एओ का उद्देश्य:
चंद्रयान-3 मिशन के वैज्ञानिक परिणामों को बढ़ाने के लिए, इसरो इस अवसर की घोषणा (एओ) के माध्यम से राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय (इसरो/अंतरिक्ष विभाग के बाहर) से चंद्रयान-3 लैंडर और रोवर के सभी प्रयोगों से प्राप्त आंकड़ों के वैज्ञानिक विश्लेषण और उपयोग के लिए प्रस्ताव मांग रहा है।
यह एओ भारत के मान्यता प्राप्त शिक्षाविदों, अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और सरकारी संगठनों के सभी संकायों और शोधकर्ताओं के लिए खुला है।
समीक्षा समिति द्वारा शोध प्रस्ताव का चयन काफी हद तक प्रस्ताव के लेखन, विचार की नवीनता, नूतन विज्ञान और वैज्ञानिक ज्ञान को बढ़ाने के संदर्भ में उपयोगी परिणामों पर निर्भर करता है। प्रस्तावक के लिए इच्छित विज्ञान के संबंध में नीतभार की क्षमता को समझना महत्वपूर्ण है। नीतभार के उपकरण संबंधी विवरण, जो चंद्रयान-2 लैंडर और रोवर नीतभार के समान हैं, वर्तमान विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। पिछले कुछ महीनों में, नीतभार के प्रधान अन्वेषकों (पीआई) और उनकी टीमों द्वारा कुछ प्रकाशन किए गए हैं। ये पत्र उपयोगी संदर्भ के रूप में काम करेंगे। प्रस्तावक अधिक जानकारी के लिए नीतभार के प्रधान अन्वेषकों (पीआई) से भी संपर्क कर सकते हैं। संपर्क विवरण इसरो के आईएसएसडीसी के प्रदान पृष्ठ https://pradan.issdc.gov.in/ch3/contacts.xhtml पर उपलब्ध हैं।
प्रस्ताव मानक A4 आकार के कागज़ पर लगभग 10-15 पृष्ठों में, डबल स्पेस में टाइप करके और निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत किए जाने चाहिए। प्रस्ताव की दो हार्डकॉपी अनुलग्नक-1, अनुलग्नक-2 और अनुलग्नक-3 में दिए गए प्रारूप के अनुसार तैयार की जानी चाहिए। पूरा प्रस्ताव संस्था प्रमुख द्वारा मुहर सहित भेजा जाना चाहिए। प्रस्ताव की हार्डकॉपी निम्नलिखित पते पर भेजी जानी चाहिएःनिदेशक, विज्ञान कार्यक्रम कार्यालय इसरो मुख्यालय, अंतरिक्ष भवन, न्यू बीईएल रोड, बेंगलूरु -560094
प्रस्ताव के प्रारूप में प्रधान अन्वेषक और संस्थान के प्रमुख द्वारा हस्ताक्षरित एक घोषणा शामिल है।
प्रस्ताव की सॉफ्ट कॉपी science[at]isro[dot]gov[dot]in पर विषय Attn : Ch3 data AO लिखकर भेजनी होगी। संस्थान प्रमुख द्वारा हस्ताक्षरित अग्रेषण पत्र के बिना प्राप्त प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जाएगा।
प्रस्ताव विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, राष्ट्रीय संस्थानों, इसरो/अं.वि. से बाहर के वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों द्वारा व्यक्तिगत रूप में अथवा समूह द्वारा प्रस्तुत किए जा सकते हैं। केवल वे ही प्रधान अन्वेषक (पीआई) के रूप में परियोजना का नेतृत्व करने के पात्र हैं जिनकी सेवानिवृत्ति से पहले न्यूनतम चार वर्ष की सेवा शेष है। प्रस्ताव में कई सह-पीआई हो सकते हैं, हालाँकि, प्रस्ताव से संबंधित सभी पत्राचारों का केंद्र बिंदु पीआई ही होगा। प्रस्तावों को संस्थान प्रमुखों के माध्यम से इस एओ कार्यक्रम के अंतर्गत परियोजना को क्रियान्वित करने हेतु आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करने के उचित आश्वासन के साथ अग्रेषित किया जाना चाहिए।
सभी प्रस्तावों का मूल्यांकन एक उपयुक्त समीक्षा समिति द्वारा किया जाएगा। प्रस्तावों के सर्वोत्तम समूह की समीक्षा और चयन हेतु प्रस्तावकों से आवश्यकतानुसार अपने प्रस्ताव ऑनलाइन प्रस्तुत करने का अनुरोध किया जा सकता है। प्रधान अन्वेषकों को समीक्षा समिति के सुझावों के आधार पर प्रस्तावों में संशोधन करना पड़ सकता है और उनसे निर्धारित समय के भीतर संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत करने की अपेक्षा की जाती है। Ch-3 डेटा के अधिकतम उपयोग पर आधारित प्रस्तावों को अधिक महत्व दिया जाएगा, हालाँकि सत्यापन के लिए प्रस्तावक Ch-1 और 2 के अन्य डेटासेट और अंतरराष्ट्रीय चंद्र मिशन डेटा का उपयोग कर सकते हैं। परियोजना प्रस्तावों में आवश्यक नीतभार डेटासेट का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए। डेटासेट केवल प्रदान वेबपेज https://pradan.issdc.gov.in से ही प्राप्त और डाउनलोड किए जा सकेंगे। समीक्षा समिति का निर्णय अंतिम माना जाएगा।
परियोजना 3 वर्षों के भीतर पूरी की जाएगी। वैज्ञानिक परिणामों और समीक्षा समिति की अनुशंसा के आधार पर परियोजना को 1 वर्ष के लिए और बढ़ाया जा सकता है। सभी परियोजनाओं की वार्षिक प्रगति की समीक्षा इसरो द्वारा की जाएगी और परियोजना गतिविधियों में सुधार के लिए टिप्पणियाँ प्रदान की जाएँगी। पीआई से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे अपने परिणामों को राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय रूप से प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित करें और राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों/संगोष्ठियों में प्रस्तुत करें। प्रकाशनों से संबंधित अद्यतन जानकारी एसपीओ को सूचनार्थ भेजी जाएगी।
इस एओ के माध्यम से चयनित परियोजना प्रस्तावों को कनिष्ठ अनुसंधानकर्ता (जेआरएफ)/शोध छात्र के वेतन/छात्रवृत्ति, कम्प्यूटेशनल सुविधा, कार्यशालाओं/सम्मेलनों में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय स्तर के यात्रा सहयोग, आकस्मिकताओं और ऊपरी शुल्कों को पूरा करने के लिए सीमित वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, चयनित प्रस्तावों के मुख्य अन्वेषकों को परियोजना की अवधि में अधिकतम तीन परियोजना प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रत्येक परियोजना प्रशिक्षु की अवधि 6 महीने की हो सकती है और वह एम.एससी./एम.टेक./बी.ई./बी.टेक. के अंतिम वर्ष में हो सकता है। परियोजना प्रशिक्षु का उपयोग केवल चंद्रयान-3 नीतभार डेटा विश्लेषण के लिए किया जाएगा। इसरो परियोजना प्रशिक्षु को वजीफे के रूप में सीमित वित्तीय सहायता (लगभग 10,000 रुपये प्रति माह) प्रदान कर सकता है।
चयनित एओ प्रस्तावों के पीआई को डेटा विश्लेषण कार्यशालाएं और आउटरीच गतिविधियां आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
प्रस्ताव के मुख्य भाग में एक सारांश (समस्या विवरण, उद्देश्य, कार्यप्रणाली, परियोजना के परिणाम और समय-सारिणी का संक्षिप्त विवरण) होना चाहिए, जिसके बाद उद्देश्यों और प्रस्तुत किए जा रहे वैज्ञानिक औचित्य का विस्तृत विवरण दिया जाना चाहिए। आँकड़ों की आवश्यकता और विश्लेषण विधियों पर प्रकाश डाला जाना चाहिए। अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली या दृष्टिकोण, परियोजना के अपेक्षित परिणाम प्रस्तुत किए जाने चाहिए। परियोजना के विभिन्न लक्ष्यों के लिए निर्धारित समय-सारिणी, जिसमें समापन तिथि भी शामिल हो, दर्शाई जानी चाहिए।
परियोजना में संबंधित संस्थान के कई व्यक्तियों द्वारा संयुक्त प्रयास किए जा सकते हैं। हालाँकि, प्रति परियोजना केवल एक पीआई को मान्यता दी जाएगी। अन्य प्रतिभागियों को "सह-प्रधान अन्वेषक" के रूप में नामित किया जा सकता है। पीआई और सह-पीआई को शैक्षिक योग्यता, संबंधित क्षेत्रों में किए गए कार्य और हाल के प्रकाशनों की सूची का उल्लेख करते हुए आत्मवृत्त (सीवी) प्रदान करना होगा। पीआई परियोजना के समय पर पूरा होना सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। संस्थान के प्रमुख से पीआई और सह-अन्वेषकों को आवश्यक प्रशासनिक और वित्तीय खर्च सहायता का आश्वासन अनिवार्य है। प्रत्येक परियोजना विज्ञापनों और साक्षात्कार प्रक्रिया के माध्यम से रेस्पॉण्ड (आरईएसपीओएनडी) मानदंडों के अनुसार एक कनिष्ठ अनुसंधानकर्ता (जेआरएफ) की नियुक्ति कर सकती है, जिनका मेजबान संस्थान द्वारा विधिवत अनुपालन किया जाता है। जेआरएफ का चयन उसकी शैक्षिक योग्यता, चयन प्रक्रिया, साक्षात्कार के हस्ताक्षरित कार्यवृत्त आदि के साथ एसपीओ को भेजा जाएगा। उन्हें पीएचडी के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसके अलावा चयनित प्रस्तावों के पीआई को परियोजना की अवधि के दौरान तीन परियोजना इंटर्नों को लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रत्येक प्रोजेक्ट इंटर्न की अवधि 6 महीने की हो सकती है और वह एम.एससी/एम.टेक के अंतिम वर्ष में हो सकता है। प्रोजेक्ट इंटर्न का उपयोग केवल चंद्रयान-3 नीतभार डेटा विश्लेषण के लिए किया जाएगा।
मेजबान संस्थान या सहयोगी संस्थाओं में उपलब्ध कंप्यूटर सुविधाओं, बिंब विश्लेषण सॉफ़्टवेयर पैकेजों और अन्य उपकरणों का विवरण प्रदान करें जो परियोजना के लिए सुगम हों। अनुमोदन के बाद, प्रस्ताव में अनुरोधित कंप्यूटिंग सुविधाएँ परियोजना के पहले वर्ष के दौरान प्राप्त की जाएँगी।
नियम और शर्तें
अनुसूची
प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तिथि: 21 अक्टूबर, 2025
प्रस्ताव का कवर पेज 82 KB
प्रस्ताव का प्रारूप 151 KB
घोषणा का प्रारूप 83 KB