19 नवंबर, 2025
एलवीएम3 के ऊपरी चरण को शक्ति प्रदान करने वाला सीई20 क्रायोजेनिक इंजन, एकल प्रवर्तन के साथ ही उड़ान में 19 से 22 टन तक के प्रणोद स्तरों पर प्रचालन के लिए पहले से ही योग्य है। इस इंजन को गगनयान मिशन के लिए भी योग्य बनाया गया है। सांकेतिक प्रचालन के दौरान, इंजन का प्रज्वलन टैंक शीर्ष स्थितियों में प्रवर्तित किया जाता है, जिसके बाद संग्रहित गैस प्रवर्तन प्रणाली का उपयोग करके टर्बोपंप चालू किए जाते हैं।
आगामी मिशनों के लिए, बहु-कक्षीय मिशनों हेतु मिशन के लचीलेपन के लिए सीई20 इंजन को उड़ान के दौरान कई बार पुनः चालू करना आवश्यक होगा। हालाँकि, वर्तमान विन्यास के साथ, प्रत्येक पुनः प्रवर्तन के लिए एक अतिरिक्त प्रवर्तन गैस बोतल और संबंधित प्रणालियों की आवश्यकता होती है, जिससे यान की नीतभार क्षमता में कमी आती है। इसलिए, जहाँ इंजन बाहरी प्रवर्तन सहायता के बिना स्थिर प्रचालन के लिए तैयार होता है, वहाँ बूट-स्ट्रैप मोड प्रवर्तन की प्राप्ति आवश्यक है।
इस संबंध में, सीई20 क्रायोजेनिक इंजन पर बूट-स्ट्रैप मोड प्रवर्तन परीक्षण 7 नवंबर, 2025 को महेंद्रगिरि स्थित इसरो नोदन कॉम्प्लेक्स में उच्च-तुंगता परीक्षण (एचएटी) सुविधा की निर्वात परिस्थितियों में 10 सेकेंड की अवधि के लिए सफलतापूर्वक किया गया। बूट-स्ट्रैप प्रवर्तन को सुगम बनाने के लिए प्रणोद कक्ष और गैस जनरेटर दोनों में एक बहु-तत्व प्रज्वालक का उपयोग किया गया था। इस परीक्षण में, प्रणोद कक्ष के प्रज्वलन के बाद, टैंक शीर्ष स्थितियों में गैस जनरेटर को प्रज्वलित किया गया, और टर्बोपंपों को प्रवर्तन प्रणाली के उपयोग के बिना शुरू किया गया। इसके बाद, बूट-स्ट्रैप मोड वर्धन और इंजन की स्थिर-अवस्था प्रचालन का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया।
इस उपलब्धि के साथ, इसरो ने संभवतः विश्व में पहली बार, बिना किसी सहायक प्रवर्तन प्रणाली के गैस-जनरेटर चक्र क्रायोजेनिक इंजन के बूट-स्ट्रैप मोड को प्रारंभ करने का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है - जो भविष्य की एलवीएम3 उड़ानों की पुनः प्रवर्तन क्षमता और मिशन के लचीलेपन को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।