सितंबर 25, 2024
बेंगलूरु अंतरिक्ष प्रदर्शनी 2024, 18-20 सितंबर, 2024 को बेंगलूरु के बीआईईसी में आयोजित हुआ, जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकार केंद्र (इन-स्पेस), और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनसिल) के सहयोग से भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित किया गया था। इस वर्ष की विषय-वस्तु, "एक्सेलरेटिंग टुमॉरो: एकीकृत विस्तार के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र की क्षमता का दोहन" ने ऑस्ट्रेलिया, यूके, रूस, स्वीडन और इटली सहित 14 देशों के 150 से अधिक वक्ताओं और 800 से अधिक प्रतिनिधियों को आकर्षित किया।
एक्सपो में 170 से अधिक कंपनियों ने 65,000 वर्ग फुट के प्रदर्शन क्षेत्र में अपने नवाचारों का प्रदर्शन किया, जिसमें 8,000 से अधिक व्यापारिक आगंतुक आए। इस आयोजन ने 440 से अधिक बी2बी और बी2जी बैठकें आयोजित कीं, नए उत्पादों और सेवाओं को बाजार में उतारा गया, और 12 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
डॉ. एस. सोमनाथ, अध्यक्ष, इसरो/सचिव, अं.वि. ने बेंगलूरु अंतरिक्ष प्रदर्शनी (बीएसएक्स) 2024 में तीन दिवसीय प्रदर्शनी में प्रदर्शनी मंडप का दौरा किया, उन्होंने कहा कि कई भारतीय कंपनियों ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है और खुद को आपूर्तिकर्ताओं से विकासक में बदल लिया है। उन्होंने कहा, “बीएसएक्स में निजी कंपनियों द्वारा प्रदर्शित प्रौद्योगिकियां और उत्पाद अत्यधिक उन्नत और जटिल हैं। भारतीय कंपनियों ने न केवल वैश्विक प्रौद्योगिकी का आयात किया है बल्कि अब घरेलू स्तर पर ऐसी प्रौद्योगिकियों का विकास कर रही हैं। महज पांच साल पहले किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि भारतीय कंपनियां अपने दम पर उपग्रह बना सकती हैं और उन्हें प्रक्षेपित कर सकती हैं।
डॉ. एस. सोमनाथ ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक मजबूत पारितंत्र को बढ़ावा देने के लिए इसरो की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जिसका लक्ष्य आगामी परियोजनाओं के लिए तकनीकी विकास में निजी कंपनियों को शामिल करना है। उन्होंने विज्ञान और उद्योग के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में अंतरिक्ष के बढ़ते महत्व पर टिप्पणी की।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारतीय दूरसंचार कंपनियों को भारतीय मूल के निचली भू-कक्षा तारामंडल के निर्माण में योगदान देने के लिए आगे आना चाहिए जो देश के लिए बड़े आर्थिक अवसर पैदा करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रेरणादायक है कि अनुप्रनाह प्रौद्योगिकियों में कई निजी कंपनियां हैं, जो अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए अच्छा है, क्योंकि अनुप्रयोगों की मांग प्रतिप्रवाह गतिविधियों को बढ़ावा देगी।
सम्मेलन में प्रमुख सत्र थे, यथा, भारतीय अंतरिक्ष सुधार और नीतियां: भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र पर प्रभाव; भारतीय अंतरिक्ष सुधार और नीतियां: मानदंड दिशानिर्देश और प्रक्रियाएं; भारतीय अंतरिक्ष उद्योगों के माध्यम से क्षेत्रीय व्यावसायिक अवसरों की खोज; निर्णायक दशक: भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के लिए दशकीय दृष्टि दिशा-निर्देश; अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव, और अंतरिक्ष में भविष्यवादी और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां: वाणिज्यिक संभावनाएं। इसके अलावा, सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया, यूके, इटली, डेनमार्क, सिंगापुर, विश्व आर्थिक मंच और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के लिए विशेष सत्र आयोजित किए गए।
सत्र के मुख्य वक्ताओं में शामिल थे: श्री प्रियांक खड़गे, ग्रामीण विकास और पंचायत राज और आईटी-बीटी मंत्री, कर्नाटक सरकार; श्री पी राजीव, माननीय उद्योग मंत्री, कानून और सीओआईआर, केरल; डॉ. पवन के गोयन्का, अध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकार केंद्र (इन-स्पेस); डॉ. एकरूप कौर, सचिव, आईटी और बीटी और विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कर्नाटक सरकार, श्री डी राधाकृष्णन, सह-अध्यक्ष, सीआईआई राष्ट्रीय समिति, अंतरिक्ष और सीएमडी, एनसिल; श्री अप्पाराव मल्लावरपु, अध्यक्ष - सीआईआई राष्ट्रीय समिति, अंतरिक्ष और अध्यक्ष एवं एमडी, सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड; श्री रवीन्द्र श्रीकांतन, उपाध्यक्ष - सीआईआई कर्नाटक राज्य परिषद; इटली के महावाणिज्यदूत महामहिम श्री अल्फोंसो टैगलियाफेरी; श्री हर्षबीर संघा, एमबीई एफआरएसए निदेशक मिशन और क्षमताएं, यूके अंतरिक्ष एजेंसी; श्री एनरिको पलेर्मो, प्रमुख, ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी; डॉ. फिलिप बैपटिस्ट, अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सीएनईएस, फ्रांस, और अन्य अनेक।