पी.एस.एल.वी. सी-41 ने सफलतापूर्वक आई.आर.एन.एस.एस.-1आई नौवहन उपग्रह का प्रमोचन कियाहोम / प्रेस विज्ञप्ति / पी.एस.एल.वी. सी-41 ने सफलतापूर्वक आई.आर.एन.एस.एस.-1आई नौवहन उपग्रह का प्रमोचन किया
अप्रैल 12, 2018
अपनी तेंतालीसवीं उड़ान में इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचक राकेट पी.एस.एल.वी.-सी41 ने आज (12 अप्रैल 2018) सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से 1425 कि.ग्रा. वाले आई.आर.एन.एस.एस.-1आई नौवहन उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रमोचन किया। योजनानुसार, भा.मा.स. 4:04 बजे पी.एस.एल.वी.-सी41 ने प्रथम प्रमोचन पैड से उड़ान भरी। 19 मिनटों की उड़ान के बाद, राकेट ने 281.5 कि.मी. के उपभू (पृथ्वी से निकटतम बिंदु) तथा 20,730 कि.मी. के अपभू (पृथ्वी से दूरस्थ बिंदु) सहित भूमध्यरेखा के 19.2 डिग्री के एक कोण पर उप भूतुल्यकाली अंतरण कक्षा प्राप्त की, जिसके बाद आई.आर.एन.एस.एस.-1आई पी.एस.एल.वी. से अलग हो गया। पृथ्क्कन के बाद, आई.आर.एन.एस.एस.-1आई के सौर पैनल स्वत: ही प्रस्तरित हो गए। कर्नाटक के हासन स्थित इसरो के मुख्य नियंत्रण सुविधा (एम.सी.एफ.) ने उपग्रह का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। आने वाले दिनों में, उपग्रह को भूमध्यरेखा के 29 डिग्री आनति के साथ योजित भूतुल्यकाली कक्षा में 55 डिग्री पूर्व देशांतर में उपग्रह को अवस्थित करने हेतु कक्षा युक्ति चालन एम.सी.एफ. द्वारा किए जाएंगे। आई.आर.एन.एस.एस.-1आई नाविक प्रणाली (भारतीय नौवहन उपग्रह समूह) में सबसे नया सदस्य है। नाविक, जिसे भारतीय प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली (आई.आर.एन.एस.एस.) भी कहा जाता है, एक स्वतंत्र प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली है, जिसे भारतीय तथा भारतीय मुख्य भूभाग के आसपास, 1500 कि.मी. क्षेत्र में अवस्थिति सूचना प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया। नाविक के भाग के रूप में, आई.आर.एन.एस.एस. उपग्रह रेंजिंग तथा मानीटरन, नौवहन प्राचलों के जनन तथा प्रसारण उपग्रह नियंत्रण, नेटवर्क समय इत्यादि के लिए देश भर में कई स्थलों पर कई भू सुविधाओं को स्थापित किया गया है। अब तक, पी.एस.एल.वी. ने 52 भारतीय उपग्रहों तथा विदेश के 237 ग्राहक उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रमोचित किया है।