22 दिसंबर, 2024
उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एनईसैक) सोसाइटी, अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार, की 12वीं बैठक 21 दिसंबर 2024 को अगरतला, त्रिपुरा में आयोजित की गई थी। बैठक की अध्यक्षता माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह जी ने की, और इसमें उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री, श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया जी; माननीय राज्य मंत्री, डॉ. सुकांत मजुमदार; अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, सिक्किम और त्रिपुरा के माननीय मुख्यमंत्री; गृह मंत्रालय के सचिव; और अंतरिक्ष विभाग एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, एनईसी के अधिकारी, पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्य सचिव, तथा अन्य सदस्य और आमंत्रित लोगों ने भाग लिया।
सचिव, अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) और अध्यक्ष, इसरो, डॉ. एस. सोमनाथ, जो एनईसैक सोसायटी के उपाध्यक्ष और एनईसैक शासी परिषद के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने अध्यक्ष, सदस्यों और सभी आमंत्रित लोगों का स्वागत किया एवं अतिथियों से मुलाकात कर उनका अभिनंदन किया। उन्होंने विकास और शासन से संबंधित मामलों में हर संभव तरीके से राज्यों का सहयोग करने के लिए इसरो/अंतरिक्ष विभाग से समर्थन जारी रखने का आश्वासन दिया। इसके बाद पिछले वर्ष के दौरान केंद्र की प्रमुख उपलब्धियों और वैज्ञानिक गतिविधियों पर एनईसैक के निदेशक और सोसायटी के सचिव, डॉ. एस.पी. अग्रवाल द्वारा एक तकनीकी प्रस्तुति दी गई।
माननीय गृह मंत्री ने सभी राज्यों में एनईसैक द्वारा किए गए कार्यों की विविधता और प्रमात्रा की सराहना की और कहा कि केंद्र सरकार भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की त्वरित विकास प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए सही रास्ते पर है। उन्होंने एनईसैक से अपने क्षितिज का और विस्तार करने और क्षेत्र के लिए प्रासंगिक गतिविधियों के अपने दायरे को बढ़ाने के लिए कहा। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आठ पूर्वोत्तर राज्यों के 109 विभाग एनईसैक की सेवाओं का उपयोग कर रहे थे और उन्होंने एनईसैक को सक्रिय रूप से अधिक विभागों तक पहुंचने और यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रत्येक राज्य के कम से कम 25 विभाग एनईसैक द्वारा प्रदान की गई अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं का उपयोग करें। उन्होंने एनईसैक से इस बात पर विचार मंथन करने का भी आग्रह किया कि दुनिया भर में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग की सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को पूर्वोत्तर क्षेत्र में मौजूदा प्रणालियों के साथ कैसे एकीकृत किया जा सकता है ताकि क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं का समाधान किया जा सके और गृह मंत्रालय को संबंधित प्रस्ताव प्रस्तुत किए जा सकें। उन्होंने उच्च-विभेदन वाले डिजिटल एलिवेशन मॉडल तैयार करने, पूर्वोत्तर राज्यों में खनिजों, तेल और कोयला भंडार के लिए अंतरिक्ष-आधारित सहयोग और छात्रों, महिलाओं और पूर्वोत्तर क्षेत्र के आदिवासियों की जनसंख्या को शामिल करने वाली व्यापक अंतरिक्ष-प्रौद्योगिकी-आधारित आउटरीच और प्रशिक्षण गतिविधियों की योजना बनाने का सुझाव दिया।
बैठक के दौरान उपस्थित मुख्यमंत्रियों ने राज्य स्तरीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्रों और सुदूर संवेदन संस्थानों के माध्यम से उपयोगकर्ता विभागों को प्रदान की गई तकनीकी सहायता के लिए एनईसैक को धन्यवाद दिया और कार्य योजना गतिविधियों के तहत शुरू की गई अनेक परियोजनाओं की चल रही स्थिति और परिणामों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने एनईसैक से अपने-अपने राज्यों के लिए प्रासंगिक प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, आपदा प्रबंधन सहायता, बुनियादी ढांचे की योजना आदि के क्षेत्रों में नई परियोजनाएं शुरू करने का भी अनुरोध किया।
एनईसैक सोसाइटी शीर्ष निकाय है जो एनईसैक के लिए नीतिगत दिशानिर्देश, सभी मामले, व्यवसाय, निधि आदि तय करती है और गतिविधियों की समीक्षा करने तथा भविष्य की गतिविधियों का मार्गदर्शन करने के लिए हर साल बैठक करती है। सोसायटी की 11वीं बैठक 19 जनवरी 2024 को हुई थी, जबकि एनईसैक शासी परिषद की आखिरी बैठक (18वीं बैठक) 17 दिसंबर 2024 को डॉ. एस. सोमनाथ की अध्यक्षता में हुई थी।